एक ख्वाब हूं
कि
एक ख्वाब में हूं
झूठ बोलता हुआ
सच हूं
कि
सच बोलता हुआ
झूठ
दुनिया आँखों में है
कि
दुनिया की आंखों में हूं
रास्ते से गुजर रहा हूं
कि
रास्ता मुझ से गुजर रहा है
मै किसी को समझ रहा हूं
कि
मुझे समझा रहा है कोई
Thursday, July 1, 2010
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1 comment:
सुन्दर लेखन।
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